Friday, 14 August 2015

जागरण गीत
दिवस आज पावन पुनः कह रहा है
मेरे देश जागो , मेरे देश जागो ||

जगो देश के हित जगो जाति के हित
जगो मूल्य मर्याद और ज्ञान के हित
जगो मातृभूमि के सौभाग्य के हित
जगो , प्राणियों के मिटे क्लेश जागो
                          दिवस आज पावन ...

 जगो आज जागें वे वैदिक ऋचाएं
जगे सुप्त सैंधव की वो सभ्यताएं
जगे ज्ञान की ,दान की मान्यताएं
जगो अब मिटे देश से द्वेष जागो
                         दिवस आज पावन ...

जगे शौर्य त्रेता का जग जाए गीता
भरें ज्ञान से सब रहें अब न रीता
जगो फिर से बनवास पाये न सीता
ये है बुद्ध गौतम का उपदेश जागो
                           दिवस आज पावन ...

जगे हल्दीघाटी में सोई कहानी 
वो दीन ए इलाही वही जय भवानी 
वो रानी चेनम्मा वो झाँसी की रानी 
जो साझा ह्रदय का वो परिवेश जागो 
                      दिवस आज पावन ...

जगे सत्य की वो अहिंसा की गाथा 
जगे वीरता की वो बिरसा की गाथा 
जगे भीम का ज्ञान गर्वित वो माथा 
क्षितिज से भी आगे बढे देश जागो 
                     दिवस आज पावन ... 
                                               - सुशांत शर्मा  

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